NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

Not known Details About Shiv chaisa

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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

Devotees who chant these verses with powerful love develop into prosperous because of the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to acquire little ones, have their needs fulfilled right after partaking of Shiva-prasad with faith and devotion.

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

बृहस्पतिदेव की कथा

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

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धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही shiv chalisa in hindi दुख प्रभु आप निवारा॥

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

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